Indian suhagrat, कैसे मनाई जाती है indian suhagrat
इंडियन सुहागरात या आसान भासा में कहे तो भारत में मनाई जाने वाली सुहागरात। अक्सर देखा जाएत है की लोगो में एक तरह की confusion रहती है की हमारे देश में लोग सुहागरात कैसे मानते होंगे। क्या क्या होता होगा सुहागरात में ,लेकिन आपको बता दिया जाये की सच में लोग अक्सर जैसा सोचते हैं वैसा कुछ नहीं होता सुहागरात में या कहे तो बहुत कम ही होता है। ऐसे में आज हम आपको सब कुछ बताने वाले हैं की हमारे देश में आखिर सुहागरात में क्या होता है। तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कैसी होती है Indian suhagrat और जानेंगे इससे जुडी हर एक बात और साथ ही साथ यह भी देखेंगे की कैसे मनाई जाती है indian suhagrat ।
क्या है suhagrat
सुहागरात असल में शादी के बाद की पहली रात होती है जब एक लड़का और लड़की शादी के बंधन में बांधकर पहली बार पति और पत्नी के रूप में एक साथ सोते हैं। अब जैसे की यह तो साफ़ है की चाहे लड़का हो या लड़की हर किसी का एक सपना होता हैकि उसकी एक दिन शादी हो और उसके बाद उसकी भी सुहागरात हो। हर लड़का अपने मन में एक सपना सजा कर रखता है की जिस लड़की से उसकी शादी हो यानी की उसकी होने वाली पत्नी कैसी होगी और ठीक उसी प्रकार लड़कियों का भी एक सपना होता है की वो अपने होने वाले पति में क्या चाहती है मतलब की उसका होने वाला पति कैसा होना चाहिए।जैसा की आप सब जानते हैं की भारत में शादियां बहुत तरह से होती हैं जिनमे से कुछ की बाते भी हम यहाँ करेंगे। आप भी समझ सकते हैं की शादी करने का तरीके का भी सुहागरात पर एकदम सीधा असर पड़ता है, कैसे असर पड़ता है ये बस आप पढ़ते जाइये आपको सब समझ आ जायेगा।
शादियों के कुछ तरीके
यहाँ मैं भारत देश में होने वाली सिर्फ कुछ शादियों के तरीको के बारे में बात करूँगा जिनमे से कुछ हैं :- Arrange marriage TYPE 1
- Arrange marriage TYPE 2
- Arrange marriage TYPE 3
- भागकर शादी करना
अब इन तरीकों का क्या असर पड़ता है सुहागरात पर यह हम थोड़ी देर बाद बात करेंगे , अभी थोड़ा कुछ और चीज़ों को समझ लेते हैं। आप बस पढ़ते जाइये , सच में बहुत मज़ा आने वाला है।
शादी के बाद सुहागरात में क्या होता है
सामान्य तौर पर जैसा की आप सब भी जानते ही होंगे की लोगो में एक तरह की सोच है की सुहागरात में लड़का और लड़की जीवन में पहली बार पति और पत्नी बनते हैं तो पूरी रात सिर्फ सम्भोग ही होता होगा। लेकिन अगर आपसे सच कहे तो आम तौर पर ऐसा नहीं है।अब यह भी नहीं कह सकते की सम्भोग नहीं होता है , पर क्या सिर्फ सम्भोग होता है , या फिर कुछ और ही होता है। अगर हम आपसे यह कहे की सुहागरात के दिन बहुत सारी परम्पराएं , रीति रिवाज भी होते हैं जो की बहुत सख्ती के साथ पालन करना होता है। इनमे से कुछ तो सिर्फ रीति रिवाज हैं लेकिन कुछ परम्पराएं बहुत ही पुराने जमाने से चली आ रही हैं जो की सच में आज के समय में सही नहीं है।
हम आपको एक प्रथा बताने वाले है जिसको सुनकर आपको भी लगेगा की आज के समय में भी कहीं ऐसा होता है। और फिर हम आपको इस प्रथा से जुडी आज के समय के एक लड़के लड़की की शादी की कहानी भी बताएंगे जिन्होंने इस प्रथा से कैसे खुद को बचाया।
suhagrat की एक प्रथा
आज हम आप लोगो को suhagrat से संबंधत एक बहुत ही पुरानी और एकदम विचित्र प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं। बहुत पुराने समय से ही लड़कियों की चरित्र को इस बात से परखा जाता है की उन्होंने कभी किसी पराये मर्द के साथ सम्भोग किया है या नहीं। अगर कोई भी लड़की शादी से पहले सम्भोग की है तो उसके चरित्र पर सवाल उठाये जाते थे। पहले के ज़माने में वैज्ञानिक कारण तो नहीं पता था पर यह माना जाता था की अगर कोई भी लड़की जीवन में पहली बार सम्भोग करती है तो उसके योनि से खून निकलता है।अब अगर सम्भोग करने के बाद योनि से खून नहीं निकला तो यह मान लिया जाता था की वह लड़की अपवित्र है यानी की वह शादी से पहले सम्भोग कर चुकी है।
योनि से खून निकलने का वैज्ञानिक कारण
असल में महिलाओं की योनि में एक झिल्ली होती है जिसे hymn कहते हैं। सम्भोग के दौरान जब लिंग योनि के अंदर जाता है तो वह झिल्ली फट जाती है और खून निकलने लगता है। आज के समय में लडकियां भी हर फील्ड में लड़कों की बराबरी कर रही हैं ,विज्ञानं के मुताबिक़ साइकिल चलने से ,या कुछ खेलते समय ,या दौड़ भाग करने से भी वह झिल्ली अक्सर फट जाया करती है। ऐसा होने से अगर लड़की पहली बार सम्भोग करे तो भी खून नहीं निकलता है।इसलिए आज के समय में भी जहाँ इस पुराणी प्रथा को माना जाता है वहां लड़कियों को अक्सर अपवित्र घोसित कर दिया जाता है।
indian suhagrat में इस प्रथा से एक लड़के ने अपनी पत्नी को कैसे बचाया
अब हम बात करने वाले हैं एक जोड़े की जिनकी नयी नयी शादी हुयी थी। वे दोनों ही इस प्रथा से अनजान थे लेकिन नए जमाने के होने की वजह से दोनों को इतना तो पता ह था की योनि में hymn नाम की झिल्ली होती है जो की अक्सर खेलने कूदने में फट जाया करती है। और विज्ञानं इस बात से इंकार करता है की खून कला या नहीं यह देखकर पवित्रता का पता लगाना बिलकुल गलत है.
तो अब आते हैं मैं कहानीपर। नयी नयी शादी हुयी थी दोनों की ,सब बहुत खुस थे ,पुरे परिवार में खुसी का माहौल था। शादी बड़े ही धूम धाम से हो हुयी। आपको बता दे की यह शादी एक arrange मैरिज थी मतलब की लड़का और लड़की एक दूसरे से सिर्फ शादी करने के लिए ही मिले थे जैसा की आम तौर पर हॉट है। लड़का और लड़की दोनों बहुत ही खुस थे दोनों एक जिंदगी का एक बहुतही ख़ास दिन आने वाला था , मतलब की रात आने वाली थी जिसे हम suhagrat कहते हैं।
रात हुयी दुल्हन एकदम सज कर बेड पर घूँघट लगा कर बैठी हुयी थी और अपने पति का इंतज़ार कर रही थी। उधर दूसरी तरफ लड़का भी बहुत खुस था और अपनेसभी दोस्तों को पार्टी दे रहा था। उसके दोस्त भी उसे खूब मज़ाक कर रहे थे की जा भाई आज तो तेरा दिन भी आ गया मज़े करने का। लड़के ने अपने दोस्तों को पार्टी दिया और फिर घर के लिए चल पड़ा। दुल्हन को भी गिलास में केसर का दूध दिया गया की जब उसका पति आये तो उसे दे देना। असल में सुहागरात में लड़के को लड़की द्वारा दूध पिलाये जाने का भी ज्योतिष और वैज्ञानिक कारन है जो की हम आगे बताएंगे , आप बस पढ़ते जाइये।
लड़का घर पहुँचता है ,वह बहुत ही खुस था ,सोचता है की नाहा के तब जाऊं उसके पास नहीं तो उसे ख़राब न लगे। इसके बाद लड़का कमरे में आता है ,वह अपनी दुल्हन यानि की अपनी पत्नी को देखकर बहुत खुस होता है। आखिर खुस हो भी क्यू ना उसकी जो पहली suhagrat thi . वह दोनों एक दूसरे के लिए गिफ्ट लाये हुए थे लेकिन दोनों को यही लग रह था की सिर्फ उसी ने लाया है। अब दोनों एक ही bed पर आचुके थे उन्होंने बातें करना शुरू की। लड़की ने अपने पति को अपना उपहार दिया और लड़के ने भी अपने दिया। लड़के ने असल में अपनी पत्नी के लिए अंदर पहनने वाले कपडे लाय था जैसे की ब्रा।
दोनों बहुत ही खुस थे , वे खूब बाते कर रहे थे और एक दूसरे को धीर धीरे समझ रहे थे। वे दोनों अपनी शादी की बाते कर रहे थे और खूब हंस रहे थे। तभी अचानक दरवाजा खटखटाया गया , लड़के ने जाकर देखा तो उसके माता पिता थे। उसे लगा की वे दोनों उन्हें आशीर्वाद देने आये हैं यही सोचकर वह उनके पेअर छूने लगा। तभी उसने ध्यान दिया की उसकी माँ के हाथों में एक सफ़ेद रंग की चादर थी। उसे कुछ समझ नहीं आया की माँ ने यह क्यों लाया है।
तभी उसकी माँ ने कहा की इसे बीएड पर बिछा लेना औरर वे लोग चले गए। लड़के ने दरवाजा बंद किया और चादर लेकर वहीँ खड़ा होकर सोचने लगा की उसके माँ बाप की सोच कितनी ख़राब है ,और यह भी सोच रहा था की अब क्या करे। तभी उसने धीरे सी जाकर चादर को आलमारी में रख दी , और जाकर बीएड पर लेट गया। वे दोनों पूरी रात बातें करते रहे और हँसते रहे और कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला। जी हाँ उन्होंने अपनी suhagrat में सिर्फ बातों के अलावा और कुछ भी नहीं किया , और अक्सर यही होता है indian suhagrat में।
अगली सुबह हुयी ,सुबह जब उनकी नींद खुली तो वे दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए थे। उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था और सच कहे तो किसे नहीं acha लगेगा अपनी पत्नी से लिपटने में। यहाँ तक तोसब कुछ बहुत ठीक था। लेकिन जब लड़के की नींद खुली तो उसे इस बात की चिंता सताने लगी की माँ आएगी तो उसे क्या दूंगा क्यूंकि चादर तो वैसे की वैसे ही आलमारी में रखी हुयी थी।
आपको बता दे की इस कहानी में चादर का मतलब यह है की जब सुहागरात में बेड पर सफ़ेद चादर बिछी होगी तो जब सम्भोग होगा तो अगर लड़की पवित्र होगी तो खून जरूर निकलेगा जो की सफ़ेद चादर पर एकदम साफ़ साफ़ दिख जाएगा। इससे यह पता चल जाएगा की लड़की पवित्र है और अगर चादर पर खून नहीं लगा तो इसका मतलब है की लड़की शादी के पहले ही किसी और के साथ सम्भोग कर चुकी है।
सच कहे तो एक ही रात में दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया था और दोनों ने एक दूसरे के साथ जिंदगी के सपने देखने शुरू कर दिए थे।इसी वजह से लड़का बहुत ही परेशान था की वह माँ को क्या दिखाएगा। तभी वाफिरसे दरवाजे पर किसी ने दस्तक थी ,उसे पता था की वह उसके माँ बाप ही हैं। लड़की अभी सो ही रही थी ,तभी लड़का उठा और आलमारी से चादर निकाला और बस उसी चादर को देखने लगा। वह किसी भी कीमत पर अपनी पत्नी को खोना नहीं चाहता था। उसने बिना कुछ सोचे समझे चाक़ू उठाया और अपनी हथेली को काटकर उस चादर पर खून गिरा दिया। उसने अपनी माँ को वह चादर दे दिया और फिर क्या था सभी एकदम खुस हो गए। और यह मान लिया गया की दुल्हन पवित्र है। यह हमारे समाज का एक बहुत ही बड़ा काला सच है जिसे अब बदलने की जरुरत है। तो यही थी कहानी की अपनी सुहागरात में सम्भोग करने की बजाय इस लड़के को क्या करना पड़ा और किस तरह उसने अपनी अपनी पत्नी को इस भयानक प्रथा से बचाया।
तो चलिए अब हम अपनी मुख्या बातों को आगे बढ़ाते हैं। अब हम देखेंगे की आखिर शादी करने के तरीके का सुहागरात पर क्या असर पड़ता है। अब हमने जो ऊपर शादी के कुछ तरीकों को बताया है अब एक एक करके उन पर बात करेंगे की किस तरीके का suhagrat पर कैसा असर पड़ता है।
Arrange Marriage Type 1
इस आर्टिकल में मैंने शादी करने के तरीके को बहुत सोच समझकर arrrange marriage part 1 ,2 ,3 में बांटा है। अगर टाइप 1 की बात करें तो इसमें ऐसी शादियां आती हैं जो की सच में पूरी तरह से सिर्फ परिवार वालों द्वारा arrange कराई जाती हैं। इसमें लड़के लड़की एक दूसरे से पहले कभी नहीं मिले होते हैं। यह अचानक से मिलाये जाते हैं परिवार वालो द्वारा की एक दूसरे को देख लो और अगर राज़ी हो गए तो उनकी शादी करा दी जाती है।
अगर सच कहा जाये तो यही वो टाइप है जिसमे सुहागरात में सम्भोग करने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। क्यूंकि लड़का और लड़की दोनों एकदम पहली बार मिले हैं और शादी भी हो गयी तो चान्सेस बढ़ जाते हैं। लेकिन अधिकतर ऐसा देखा गया है की इस type शादियों में suhaagrat में कुछ भी नहीं होता ,क्यूंकि पहली बार मिलते हैं एक दूसरे को ठीक से जानते भी नहीं इसलिए इन्हे थोड़ा टाइम लग जाता है एक दूसरे को समझने में और फिर कहीं जाकर यह लोग suhagrat का असली मज़ा लेते हैं।
Arrange Marriage Type 2
इस type की शादियों में आते हैं वो लोग जो अपनी शादी से बहुत पहले से जानते हैं की हमे शादी करनी है आपस में। Arrange Marriage Type 2 मुख्या रूप से प्यार करने वाले लोगों में पाया जाता है। इसमें यह लोग शादी से काफी पहले से ही एक दूसरे के साथ बहुत समय बिता चुके होते हैं। ऐसे में देखा गया है की पहले से एक दूसरे के साथ काफी समय बिताने से काफी लोग शादी से पहले ही एक दूसरे के साथ सम्भोग कर चुके होते हैं इसलिए सुहागरात में कोई जरुरी नहीं है की ये लोग फिरसे सबकुछ करे।
जैसा की indian शादियों में बहुत सारे रिवाज होते हैं जिनको पूरा करते दूल्हा और दुल्हन रात होते होते पूरी तरह से थक जाते हैं। इस टाइप वाले लोगों के अंदर जल्दीबाज़ी तो होती नहीं है की जल्दी से रात हो और सुहागरात मनाये क्यूंकि अधिकतर केस में यह लोग पहले से ही सब कुछ कर चुके होते हैं। इसी वजह से सुहागरात में सब इनके mood पर निर्भर करता है की अगर मन किया तो कर लिया नहीं तो बाद में करेंगे।
Arrange Marriage Type 3
इस केटेगरी वाली शादियों को आप थोड़ा ध्यान से समझियेगा वरना समझ नहीं पाएंगे। होता ये है की जैसा की आप सब के साथ भी ऐसा हुआ होगा की आपके खानदान में बहुत दूर का कोई है जिसको आप जानते तो हैं बहुत अचे से। हर समारोह में आप सभी लोगो परिवार इकट्ठा हुआ करता है ,आप लोगो की बातें भी होती हैं लेकिन आप लोगों ने कभी ये नहीं सोचा की हमारी शादी हो जाएगी। अक्सर बहुत दूर के खानदान में शादियां तय हो जाती है आप सब जानते ही होंगे।
इस केस में सुहागरात में सम्भोग का सबसे ज्यादा चांस होता है क्यूंकि इसमें लड़का लड़की एक दूसरे को बहुत अचे से जानते हैं पहले से ही इसलिए एक दूसरे को जानने समझने में समय बर्बाद करने की जरुरत नहीं पड़ती है। इसीलिए इस टाइप में indian suhagrat को खूब अच्छे स मनाने की पूरी उम्मीद होती है।
आमतौर पर हस्थमैथुन करने की दो वजहें ही होती है पहली बहुत डिप्रेशन में होना और दूसरा होता है कभी कभी अपने आप ही खुद को काम सुख देने के लिए किया जाता है। लड़कियां हस्थमैथुन सिर्फ योनि में ही नहीं बल्कि शरीर के और भी अंगों में करती है । अगर आप डिप्रेशन में है तो ऐसा करने से आपका दिमाग शांत हो सकता है और आपको अच्छी नींद आएगी। लेकिन अगर आप बार बार इसे करती हैं तो अक्सर यह होता है कि अधिक करने से गुप्तांगों में इंफेक्शन हो जाय करती है और कई बार तो निपल्स में भी रगड़ने कि वजह से रशेस और ड्राई हो जाते हैं। अगर आप हद से ज्यादा करती हैं तो ऐसा करना आपके मां बनने पर बहुत असर तो नहीं करता है लेकिन बार बार करने कि वजह से असली में संभोग करने कि इक्षा कम हो सकती है।
एक निश्चित समय के अंतराल पर करना तो ठीक है लेकिन अगर आप की बुरी आदत हो गई है लगभग रोज करने का वो भी एक से ज्यादा बार तो आप संभाल जाइए। आपको बता दे की पुरुषों में अगर बार बार स्पर्म को निकाला जाए तो उसके कम हो जाने की संभावना रहती है। और सबसे बड़ी समस्या यह आ सकती है कि आपका स्पर्म तो निकलेगा लेकिन स्पर्म काउंट बहुत कम हो जाएगा जिसकी वजह से आप इतने स्पर्म नहीं बना पाएंगे जितना बच्चा पैदा करने की लिए जरूरी होता है। और अगर आपने हद से ज्यादा किया तो आपकी स्पर्म क्वालिटी भी खराब हो जाएगी जिससे आप कभी बाप ना बन पाए ऐसा भी हो सकता है।
इसलिए आप चाहे लड़की हो या लडके आपको एक सीमित रूप से ही हस्थमैथुन करना चाहिए।
लड़कियों और लड़कों में हस्थमैथुन करने के फायदे और नुकसान
आज समय में लगभग हर कोई हस्थमैथुन करता ही है और खासकर जवान लड़के और लड़कियां तो करते ही हैं।लेकिन इससे आपको और आपके शरीर को क्या फायदे और क्या नुकसान हो सकते हैं आज हम यही बताने वाले हैं ।
हस्थमैथुन आज के समय में ही नहीं बल्कि यह बहुत पुराने समय से होता चला आ रहा है। लड़के और लड़कियां हर कोई इस जरूर ही करता है लेकिन इससे कभी कभी आपको बहुत नुकसान हो सकता है तो आइए शुरू करते हैं।
हस्थमैथुन आज के समय में ही नहीं बल्कि यह बहुत पुराने समय से होता चला आ रहा है। लड़के और लड़कियां हर कोई इस जरूर ही करता है लेकिन इससे कभी कभी आपको बहुत नुकसान हो सकता है तो आइए शुरू करते हैं।
लड़कियों में होने वाले नुकसान और फायदे
आमतौर पर हस्थमैथुन करने की दो वजहें ही होती है पहली बहुत डिप्रेशन में होना और दूसरा होता है कभी कभी अपने आप ही खुद को काम सुख देने के लिए किया जाता है। लड़कियां हस्थमैथुन सिर्फ योनि में ही नहीं बल्कि शरीर के और भी अंगों में करती है । अगर आप डिप्रेशन में है तो ऐसा करने से आपका दिमाग शांत हो सकता है और आपको अच्छी नींद आएगी। लेकिन अगर आप बार बार इसे करती हैं तो अक्सर यह होता है कि अधिक करने से गुप्तांगों में इंफेक्शन हो जाय करती है और कई बार तो निपल्स में भी रगड़ने कि वजह से रशेस और ड्राई हो जाते हैं। अगर आप हद से ज्यादा करती हैं तो ऐसा करना आपके मां बनने पर बहुत असर तो नहीं करता है लेकिन बार बार करने कि वजह से असली में संभोग करने कि इक्षा कम हो सकती है।
पुरुषों में होने वाले नुकसान और फायदे
एक निश्चित समय के अंतराल पर करना तो ठीक है लेकिन अगर आप की बुरी आदत हो गई है लगभग रोज करने का वो भी एक से ज्यादा बार तो आप संभाल जाइए। आपको बता दे की पुरुषों में अगर बार बार स्पर्म को निकाला जाए तो उसके कम हो जाने की संभावना रहती है। और सबसे बड़ी समस्या यह आ सकती है कि आपका स्पर्म तो निकलेगा लेकिन स्पर्म काउंट बहुत कम हो जाएगा जिसकी वजह से आप इतने स्पर्म नहीं बना पाएंगे जितना बच्चा पैदा करने की लिए जरूरी होता है। और अगर आपने हद से ज्यादा किया तो आपकी स्पर्म क्वालिटी भी खराब हो जाएगी जिससे आप कभी बाप ना बन पाए ऐसा भी हो सकता है।
इसलिए आप चाहे लड़की हो या लडके आपको एक सीमित रूप से ही हस्थमैथुन करना चाहिए।
धन्यवाद् दोस्तों।
बहुत मेहनत से लिखा गया है इस आर्टिकल को इसलिए अगर अच्छा लगा हो तो शेयर करे।